बोलानी, 20/3 - केंदुझर जिला के सीमावर्ती खनन क्षेत्र बोलानी में बोलानी ओड़िआ परिवार के ओर से बुधवार को स्थानीय कल्याण मंडप में विश्व पखाल दिवस मनाया गया . कार्यक्रम में बोलानी खान हस्पताल के सह मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. माया माझी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रही । विशिष्ट अतिथि के रूप में बलानी अस्पताल के अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी एवं बोलानी अस्पताल के प्रमुख डॉ. टी. सोरेन, सामाजिक संस्था बसुंधरा के निदेशक विवेकानन्द नंदा एवं वरिष्ठ नागरिक बैद्यनाथ जेना शामिल हुए। डा. सोरेन ने इस पर अपनी राय व्यक्त की कि पखाल ओडिया लोगों के दैनिक जीवन से कैसे संबंधित है और इसके लाभ क्या हैं। सम्मानित अतिथि श्री नंद ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पखाल को विश्व खाद्य बाजार में लाने के साथ-साथ ओडिशा के पारंपरिक भोजन को बढ़ावा देने के साथ जीआई टैग कैसे प्राप्त किया जा सकता है। मुख्य अतिथि डाॅ. माया माझी ने इस पर अपनी राय व्यक्त की कि कैसे पखाल ओडिशा की संस्कृति और परंपरा बन गई है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि मुख्य डाॅ. माया माझी ने डा. सोरेन, विवेकानंद नंदा और बैद्यनाथ जेना को उत्तरीय पहना कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में भाग लेने वाली 60 से अधिक महिलाओं ने ओडिशा के पारंपरिक परिधान साढ़ी और पुरुषों ने धोती कुर्ता या कुर्ता पायजामा पहन कर सामिल हुए . कार्यक्रम के दूसरे चरण में, ओडिशा के पारंपरिक शाकाहरी और मांशहारी खाद्य पदार्थ जैसे शाग खरड़ा , टमाटो बैंगन का भर्त्ता , विश्व प्रसिद्ध बड़ी चुरा, आलू भर्ता, चुना फिश फ्राई, रोही फिश फ्राई आदि शामिल थे। सभी प्रतिभागियों ने पारंपरिक तरीके से बैठकर भोजन किया। कार्यक्रम के संचालन में रूपक कुमार दास, कुना मोहंती, बापू जेना, बाबू नाइक, बसंतगिरी ने योगदान दिया जबकि बैठक को राजेंद्र खटुआ और पद्मलोचन दलाई ने संचालन किया।