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पुन्दुल कारो नदी में छात्र लापता घटना । दो दिन बाद भी उद्धार नहीं हो पाया लापता छात्र । " होटल आधार" पर पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर उठा बड़ा सवाल । असुरक्षित दुर्घटनास्थलों पर प्रतिबंध लगाने की मांग.

Nov 24, 2023
Odishakhabar:Drowned-student-in-karo-river-still-missing-after-2-days

 बोलानी, 24/11 - बलानी थाना अंतर्गत पुण्डल कारो नदी में स्टडी टूर पर आये पश्चिम बंगाल कोलकाता से आये छात्रों के एक समूह की फोटो लेने के दौरान एक छात्र के डूबने के दो दिन बाद भी लापता छात्र का पता नहीं चल सका है । घटनास्थल पर स्थानीय पुलिस और अग्निशमन विभाग ने गुरुवार  बचाव अभियान जारी रखा पर शाम के बाद अंधेरा के कारण खोज अभियान रोकना पड़ा । वहीं  शुक्रवार को ओडीआरएएफ टीम के साथ राउरकेला से स्वतन्त्र स्कूबा डाइवर ने खोज जारी रखने के वावजूद  ओडीआरएएफ टीम को सफलता नहीं मिली है। लापता छात्र की पहचान पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के आरामबाग निवासी ताराशंकर सरकार (23) के रूप में हुई है।  जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल, कोलकाता के आशुतोष कॉलेज के 38 छात्र और 5 अन्य, कुल 43 लोग "होटल आधार" के टूर पैकेज में बड़बिल पहुंचे हुए थे । गुरुवार सुबह लगभग 10 बजे "होटल आधार" की ओर से कई गाड़ियों में छात्र समूह असुरक्षित पुन्दुल करो नदी भ्रमण करते हुए नदी किनारे  फोटो खींचते समय ताराशंकर का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चला गया।  जब उसका सहपाठी नीलाब्जू गुप्ता उसे बचाने के लिए नदी में कूदा, तो अन्य सहपाठियों ने उसे डूबते हुए देखा और उसे गंभीर हालत में बचाया। डूबने के बाद ताराशंकर का कोई पता नहीं चला।  जब लापता छात्र के परिजन मौके पर पहुंचे तो परिजनों ने आरोप लगाया कि यह हादसा कॉलेज प्रशासन और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के कारण हुआ है।परिवार की शिकायत है कि स्थानीय प्रशासन ने इतनी खतरनाक जगह पर लोगों के जाने पर रोक क्यों नहीं लगाई है ।   इसके अलावा इस टूर की ऑपरेटर "होटल आधार" को लेकर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। "होटल आधार" वर्षों से टूर ऑपरेटर के रूप में राज्य और राज्य के बाहर से पर्यटकों को विभिन्न स्थानों का भ्रमण करा रहा है।"होटल आधार" पर आरोप  है कि यहां पर्यटकों की सुरक्षा, खासकर जीवन सुरक्षा की अनदेखी की जा रही है।  यहां सवाल यह उठता है कि क्या यह संस्था टूर ऑपरेटर के रूप में पंजीकृत है जबकि "होटल आधार" वर्षों से टूर ऑपरेटर के रूप में काम कर रहा है ।  क्या "होटल आधार" ने क्षेत्र के बारे में नहीं जानने वाले पर्यटकों को क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति देने के लिए वन विभाग से कोई अनुमति मांगी थी, जबकि पुंडुल जैसा क्षेत्र हाथी प्रवण क्षेत्रों वाला घना और संरक्षित जंगल है?  क्या "होटल आधार" ने पर्यटकों को गहरे पानी और साहसिक यात्रा के दौरान उनके जीवन की रक्षा के लिए लाइफ-जैकेट जैसे आवश्यक सुरक्षा उपकरण प्रदान किए?  क्या दौरे के दौरान पर्यटक समूह को एक स्थानीय अनुभवी गाइड उपलब्ध कराया गया था?  ऐसे कई कानूनी सवाल जहां "होटल आधार" पर उठ रहे हैं, वहीं बुद्धिजीवियों की मांग है कि पुन्दुल में हुए हादसे के लिए "होटल आधार" को भी जिम्मेदार ठहराया जाए और वे टूर ऑपरेटर "होटल आधार" के सभी दस्तावेजों की जांच करने की मांग कर रहे हैं ।  इसके अलावा एक सामान्य सवाल यह भी है कि क्या सरकार के पास ऐसे टूर ऑपरेटरों के लिए कोई निर्देश हैं और क्या प्रशासन खान क्षेत्र में टूर ऑपरेटर के रूप में काम करने वाले  संस्थाओं की निगरानी कर रहा है।

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