बोलानी, 2 जुलाई — सार्वजनिक क्षेत्र तथा महारत्न कंपनी सेल के अधीन बोलानी अयस्क खान में बुधवार को दो प्रमुख श्रमिक संगठनों के बीच शक्ति प्रदर्शन के चलते कई घंटों तक खनन और परिवहन कार्य बाधित रहा। इस अप्रत्याशित गतिरोध के कारण उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया और कंपनी को लाखों रुपए के नुकसान की आशंका जताई जा रही है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, डी-एरिया में कार्यरत एस.एस. कंपनी नामक रेजिंग कांट्रैक्टर के एक भारी वाहन चालक मंगल मुंडा को कार्य से हटाने के मुद्दे पर विवाद खड़ा हो गया। इसी को लेकर एक श्रमिक संगठन ने मंगलवार सुबह करीब 9 बजे खान के मुख्य फाटक पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और डी-एरिया से 600 TPH क्रशर की आवाजाही को पूरी तरह रोक दिया गया।
इस विरोध प्रदर्शन के कारण खनन और परिवहन गतिविधियां करीब चार घंटे तक ठप रहीं। अंततः दोपहर करीब 1 बजे स्थिति सामान्य हुई और कार्य फिर से शुरू हो सका।
धरना दे रहे संगठन का आरोप है कि चालक मंगल मुंडा 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति आयु पार कर चुके हैं, इसके बावजूद उन्हें कार्य पर बनाए रखा गया है, जो नियमों के विरुद्ध है।
वहीं, केन्दुझर माइनिंग मजदूर यूनियन(के एम एम यु) के महासचिव अरविंद साहि ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि दस्तावेज़ों के अनुसार मंगल मुंडा की उम्र अभी सेवानिवृत्ति योग्य नहीं हुई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मंगल मुंडा हमारे यूनियन के सक्रिय सदस्य हैं, और उन्हें हटाना हमारी यूनियन को कमजोर करने की साजिश का हिस्सा है।
हालांकि, सबसे बड़ा प्रश्न यह बना हुआ है कि आखिर इस गतिरोध का समाधान किस प्रकार हुआ? घटनाक्रम का कोई ठोस निष्कर्ष सामने नहीं नहीं आने के बावजूद किस परिस्थिति में धरना समाप्त हुआ और स्थिति सामान्य हो पाई — यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। वहीं यह विवाद न केवल श्रमिकों के बीच मतभेद को उजागर करता है, बल्कि संपूर्ण खनन संचालन को बाधित करने वाला साबित हुआ।
प्रबंधन और श्रमिक संगठनों के बीच पारदर्शिता और संवाद की कमी इस प्रकार की घटनाओं को जन्म दे रही है। आवश्यकता है कि भविष्य में इस तरह की स्थिति की पुनरावृत्ति रोकने के लिए स्पष्ट नीति, संवाद और समझदारी से कदम उठाए जाने की कर्मचारियों में आलोचना का विषय बना हुआ है ।