बोलानी, 20 जून–
जिस सड़क को जनता के सफर को आसान बनाने के लिए DMF निधि से करोड़ों रुपए खर्च कर बनाया गया था, आज वो सड़क आम जनता की नहीं, बल्कि फैक्ट्रियों की मिल्कियत बन चुकी है!
बड़ीबिल से किरीबुरु तक जाने वाली यह मुख्य सड़क अब पीटीसीएल, आर्या और पंचवटी जैसे कारखानों के भारी वाहनों का अड्डा बन चुकी है। 24 घंटे सड़क के दोनों किनारों पर खड़े ट्रकों के कारण रास्ता इतना तंग हो गया है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है!
🚧 सड़क पर कब्ज़ा – जनता पर कहर!
इन शिल्प संस्थानों ने सुरक्षाकर्मियों के ज़रिए सड़क को लगभग नियंत्रित कर लिया है। पुलिस भी तमाशबीन बनी हुई है। ऐसे में बोलानी, किरीबुरु और बालागोड़ा जैसे क्षेत्रों के लोग हर दिन भयंकर जाम में फँसने को मजबूर हैं।
👨🏫 छात्र फँसे – स्कूल, कॉलेज छूटे!
बड़ीबिल ITI, स्कूल और कॉलेजों के छात्र-छात्राएं घंटों जाम में फँसे रहते हैं। हर सुबह एक ही सवाल – “क्या हम आज टाइम पर पहुँच पाएँगे?”
🚑 एम्बुलेंस भी जाम में लाचार!
ये जाम सिर्फ परेशानी नहीं, जानलेवा भी साबित हो रहा है।
एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड जैसी ज़रूरी सेवाएं भी इस बेधड़क पार्किंग की बलि चढ़ रही हैं।
🛑 पुलिस कहां है? ट्रैफिक यूनिट गायब!
2 साल पहले खनिज निधि से खरीदी गईं 6 पीसीआर वैन, 10 बाइक और 33 पुलिसकर्मियों की टीम को ट्रैफिक नियंत्रण के लिए बनाया गया था। लेकिन आज हालात देखकर यही सवाल उठता है –
“ट्रैफिक यूनिट गई कहां?”
🧱 फैक्ट्रियों की मनमानी पर लगाम कब?
शिल्प संस्थाओं की मनमानी और प्रशासन की चुप्पी ने इस सड़क को ‘खतरनाक जोन’ में बदल दिया है।
यदि अब भी प्रशासन जागा नहीं, तो आने वाले दिनों में कोई बड़ा हादसा या जनआंदोलन टाला नहीं जा सकेगा।