बड़बिल (शिबाशीष नंदा): भाजपा के भीतर गुटबाज़ी की आग एक बार फिर सार्वजनिक मंच पर भड़क उठी है। ज़िले के बड़बिल टाउन हॉल में शुक्रवार को चंपुआ विधानसभा क्षेत्र के सक्रिय कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान भाजपा के दो गुट आमने-सामने आ गए। मंच पर ही बहस, धक्का-मुक्की और मारपीट तक मामला पहुँच गया, जिससे पार्टी की अंदरूनी कलह एक बार फिर सामने आ गई है।
बैठक में केन्दुझर ज़िला अध्यक्ष शुकदेव महंतो, उपाध्यक्ष देवप्रसाद मिश्र सहित कई वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी उपस्थित थे। हंगामे की शुरुआत तब हुई जब उपाध्यक्ष मिश्र मंच पर माइक संभालने पहुँचे। तभी विरोधी गुट ने आपत्ति जताई और सभा स्थल से बाहर निकल गये। मामला यहीं नहीं थमा — ज़िला अध्यक्ष जब स्थिति संभालने बाहर निकले, तब उनके ही उपस्थिति में दोनों गुटों के बीच तीखी नोकझोंक शुरु हुई और देखते ही देखते मारपीट में बदल गई ।
कुर्सियों की तोड़फोड़, मंच पर हंगामा
घटना स्थल से टूटे कुर्सियाँ, बिखरे फूल और मंच पर अव्यवस्था की तस्वीरें सामने आईं। चश्मदीदों के अनुसार, कुछ कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए हैं। दोनों गुटों ने एक-दूसरे के खिलाफ बड़बिल थाने में मामला दर्ज कराया है।
गुंडों के इस्तेमाल का आरोप
हंगामे के बाद भाजपा की राज्य परिषद सदस्य झरना महंतो ने राज्य ओबीसी मोर्चा के संयोजक चंद्रगुप्त प्रसाद पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, उन्होंने बाहरी तत्वों की मदद से माहौल को हिंसक बनाया। हालांकि चंद्रगुप्त प्रसाद ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, “बाहर क्या हुआ, मुझे कुछ नहीं पता।”
पार्टी में बढ़ती गुटबाज़ी चिंता का विषय
ज़िला अध्यक्ष शुकदेव महंतो ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “पार्टी में मतभेद होते हैं, लेकिन उन्हें सुलझाया जा सकता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मामला इस हद तक पहुँच गया।” उन्होंने आश्वस्त किया कि संगठन जल्द ही मामले की जांच करेगा और ज़रूरी कदम उठाएगा।
यह घटना न केवल स्थानीय स्तर पर भाजपा की एकजुटता पर सवाल खड़े करती है, बल्कि आगामी चुनावों से पहले पार्टी की रणनीतिक एकता को भी प्रभावित कर सकती है। अब देखना होगा कि भाजपा प्रदेश नेतृत्व इस गुटबाज़ी को कैसे संभालता है।