बोलानी, 3 अगस्त (शिबाशीष नंदा)-
जहां एक ओर उद्योगों को विकास का जरिया माना जाता है, वहीं केंदुझर जिले के बोलानी थाना अंतर्गत माटकामबेड़ा औद्योगिक क्षेत्र और आस पास के स्थानीय लोग आज इन्हीं उद्योगों को अभिशाप मान रहे हैं। कभी जिन उद्योगों के स्वागत में लोग जन सुनवाई में बढ़-चढ़कर भाग लेते थे, आज उन्हीं उद्योगों के कारण लोग घर से निकलना तक दुश्वार समझते हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि क्षेत्र में स्थित आरया कारखाना, पीटीसीएल और पंचवटी कारखाना से निकलने वाला काला धुआं और जहरीला जल न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि ट्रकों के अनियंत्रित पार्किंग और भारी परिवहन के चलते आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
बोलानी से करिबुरु के बीच राजमार्ग अब मौत का फंदा बन चुका है। रोजाना सैकड़ों ट्रक और ट्रेलरों की आवाजाही, सड़क पर अनियंत्रित पार्किंग और ट्रैफिक जाम के कारण ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है। ट्रकों के पहियों से गिरी मिट्टी बारिश में कीचड़ में बदल जाती है, जिससे सड़कें फिसलनभरी हो जाती हैं और दुर्घटनाएं आम हो गई हैं।
ट्रकों से गिरने वाली लौह की गोलियां (पेलेट) सड़क पर बिखर जाती हैं जिससे विशेषकर दोपहिया वाहन चालकों के लिए यह मार्ग और भी खतरनाक हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार दुर्घटनाएं होने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं होती।
लोगों ने यह भी आरोप लगाया है कि जब वे इन समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाते हैं तो उद्योग प्रबंधन की ओर से पुलिस का भय दिखाकर उन्हें दबाया जाता है। बालागोडा और बोलानी पंचायत के लगभग 20 गांवों के हजारों निवासी तथा बड़बिल नपा के चंपुआबस्ती, डर्बी, और माटकामबेड़ा के जन साधारण प्रतिदिन इस परेशानी का सामना कर रहे हैं। अनियंत्रित सड़क के कारण घण्टों एम्बुलेंस ट्रैफिक जाम में फसी रहती है । यहां तक कि छात्र-छात्राएं भी स्कूल-कॉलेज जाने से डरते हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि करोड़ों की लागत से जिला खनिज फाउंडेशन द्वारा निर्मित बोलानी-बड़बिल-करिबुरु मार्ग अब पूरी तरह से निजी कंपनियों के नियंत्रण में है। जब समस्या को लेकर कंपनियों से शिकायत की जाती है तो वे सामूहिक जनहित को अनदेखा कर केवल अपने मुनाफे को प्राथमिकता देते हैं ।क्षेत्रवासियों की मांग है कि जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस इस गंभीर स्थिति का संज्ञान लेकर सुरक्षित आवागमन और जन सुरक्षा सुनिश्चित करें।