बोलानी, 4/12 (मधुस्मिता मिश्रा) - सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) के राउरकेला इस्पात संयंत्र के तहत ओडिशा ग्रुप ऑफ माइन्स के बलानी लौह अयस्क खदान में श्रमिकों में आक्रोश जारी है। पहले खदान में काम करने वाले गैर-आधिकारिक कर्मचारियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति को लेकर विवाद अभी सुलझा ही नहीं , अब श्रमिकों पर अनिवार्य ऑनलाइन अवकाश प्रबंधन प्रणाली लागू करने का दबाव बनाया जा रहा है। जिस से श्रमिक नराज चल रहे हैं । इस संबंध में बलानी खदान में कार्यरत सभी 7 श्रमिक संघों ने एकजुट होकर बलानी खदान की इस तरह की पहल का कड़ा विरोध किया है । जानकारी के अनुसार बलानी खदान के कार्मिक विभाग की ओर से पत्रांक 1865 दिनांक 1/12/2023 के जरिये खदान के गैर सरकारी कर्मचारियों के लिए ऑनलाइन अवकाश व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू करने की अधिसूचना प्रकाशित की गयी थी। इस अधिसूचना के खिलाफ बलानी माइंस में कार्यरत प्रमुख श्रमिक संगठन एटक, बीएमएस, सीटू, आरआईकेएस, एचएमएस, इंटक, जीएमएम एकत्रित हो कर विरोध जताया है । बलानी खदान प्रशासन ने खदान श्रमिक संघों की उपेक्षा और श्रमिकों पर मनमाने तरीके से श्रमिक विरोधी कानून लागू करने के लिए कदम उठाने का आरोप लगाया है। एकत्रित हुए श्रमिक संगठनों ने किसी भी मजदूर विरोधी व्यवस्था को लागू करने से इनकार कर दिया है। सभी ट्रेड यूनियनों के शीर्ष नेताओं के हस्ताक्षर युक्त एक पत्र बलानी माइंस के महाप्रबंधक को भेजा गया और कहा गया कि जब तक सेल कर्मियों की विभिन्न मांगें एनजेसीएस और स्थानीय स्तर पर लंबित हैं, तब तक सेल प्रवंधन द्वारा कोई नीतिगत कार्रवाई को अपनाया नहीं जाएगा ।