बोलानी,4 जून – महारत्न कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) के तहत कार्यरत विभिन्न खदानों के लिए अलग से कच्चा माल प्रभाग (Raw Material Division - RMD) के मुख्यालय की स्थापना को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। केंद्रीय इस्पात मंत्रालय द्वारा आरएमडी के पुनर्गठन का प्रस्ताव तैयार किया गया है, और इसके लिए रांची या राउरकेला में मुख्यालय खोलने पर विचार चल रहा है।
लेकिन इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए बोलानी आयरन माइंस में कार्यरत बोलानी मजदूर संघ ने भुवनेश्वर को आरएमडी मुख्यालय के लिए सबसे उपयुक्त स्थान बताया है। संघ के सह-सचिव दिलीप कुमार नायक ने इस्पात मंत्री को पत्र लिखकर भुवनेश्वर में ही मुख्यालय की स्थापना की मांग की है।
भुवनेश्वर क्यों है उपयुक्त?
बोलानी मजदूर संघ का कहना है कि ओडिशा के बोलानी, बरसुंआ, काल्टा, तालडिह आदि खदानों में उत्पादन बढ़ाने की योजना है। इन खदानों को संचालन के लिए पर्यावरण मंजूरी, खान सुरक्षा निदेशालय और अन्य सरकारी विभागों से अनुमति लेनी होती है, जिनके मुख्यालय भुवनेश्वर में स्थित हैं। इसलिए प्रशासनिक समन्वय की दृष्टि से भी यह स्थान बेहतर है।
इसके अतिरिक्त, छत्तीसगढ़ और झारखंड की प्रमुख खदानें जैसे कि किरीबुरु, मेघाहातुबुरू, चिड़िया, गुआ, राजहरा, दल्लीराजहरा, झरनादल्ली और महमाया आदि से भुवनेश्वर की सीधी कनेक्टिविटी संभव है, जिससे SAIL को लॉजिस्टिक और परिचालन लाभ मिल सकता है।
भुवनेश्वर की भौगोलिक एवं संरचनात्मक विशेषताएं:
अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
प्रमुख रेल जंक्शन
राष्ट्रीय राजमार्गों से बेहतर संपर्क
देशी एवं विदेशी उद्योगों से निकटता
IIT, AIIMS समेत अनेक राष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक संस्थान
इन सभी कारणों से भुवनेश्वर न केवल पूर्व भारत की एक उभरती हुई प्रशासनिक एवं औद्योगिक राजधानी है, बल्कि यह मानव संसाधन के मामले में भी SAIL के लिए एक आदर्श स्थान हो सकता है।
बोलानी मजदूर संघ ने स्पष्ट किया है कि यदि रांची या राउरकेला में मुख्यालय स्थापित किया जाता है, तो इसका विरोध किया जाएगा और भुवनेश्वर को ही प्राथमिकता दी जानी चाहिए।