बोलानी, 4 अगस्त (शिबाशीष नंदा)
श्रावण मास की शुभ दशमी तिथि और अंतिम सोमवार का पावन संगम, जब भगवान भोलेनाथ के प्रति श्रद्धा और आस्था अपने चरम पर होती है – ऐसे ही दिन बोलानी के सरस्वती शिशु मंदिर के नन्हें-मुन्ने विद्यार्थियों ने अपने बाल्यकाल को भी भक्ति के रंग में रंग दिया।
गेरुआ वस्त्र, कंधों पर जल से भरी कांवर, होंठों पर हर-हर महादेव और बोल बम के जयघोष – यह दृश्य न सिर्फ दर्शकों को चकित कर गया, बल्कि सभी के हृदय को आध्यात्मिक भावों से भर दिया।
बच्चों के साथ गुरुजी और गुरुमां भी पूरे मार्ग में साथ रहे। बच्चों ने श्रद्धा से स्थानीय मंदिर पहुंचकर जलाभिषेक कर भगवान महादेव की आराधना की। यह आयोजन न केवल धार्मिक था, बल्कि सांस्कृतिक जागरण का जीवंत उदाहरण भी था।
इस अवसर पर विद्यालय परिचालना कमिटी के उप-सभापति श्री रतनलाल गोप एवं पूर्व शिक्षक श्री कमल लोचन महांति ने भी उपस्थित रहकर बच्चों का उत्साहवर्धन किया।
🎙️ “सनातन धर्म और भारतीय सांस्कृतिक जड़ों से यदि बचपन में ही बच्चों को जोड़ा जाए, तो वे जीवन भर इन मूल्यों को आत्मसात करते हैं,” – यह बात आयोजकों ने स्पष्ट रूप से कही।
विद्यालय की परंपरा रही है कि वह शिक्षा के साथ-साथ बच्चों में संस्कार, अनुशासन और राष्ट्रभावना विकसित करे। यह कांवर यात्रा भी इसी कड़ी का भाग थी।
📸 स्थानीय मंदिर में जब छोटे-छोटे बच्चों ने भोलेनाथ को जल चढ़ाया, तो हर कोई अभिभूत हो गया। लोगों ने इस भक्ति-मय दृश्य को कैमरे में कैद कर लिया और दिल में बसा लिया।
🧠 स्थानीय बुद्धिजीवियों ने भी इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा – "ऐसे आयोजनों से ही नई पीढ़ी धर्म और संस्कृति के महत्व को सही मायनों में समझ पाएँगे।"