बोलानी, 1 अक्टूबर (स्वतंत्र प्रतिनिधि) – खनन व सीमावर्ती क्षेत्र बोलानी में शारदीय दुर्गापूजा की धूम मची हुई है। माँ दुर्गा के आगमन के साथ पूरा क्षेत्र भक्ति व उत्सव के रंग में रंग गया है। षष्ठी से आरंभ हुए षोडशोपचार पूजा विधि के तहत अष्टमी पर पूजा पंडालों में अपार भीड़ उमड़ पड़ी।
बोलानी क्षेत्र में हर साल भव्य स्तर पर दो प्रमुख स्थानों पर दुर्गापूजा आयोजित की जाती है। इनमें पहला है बालागोड़ा बस्ती स्थित गुप्तेश्वर शिव मंदिर परिसर, जहाँ 1965 से साधक कमल बाबा के प्रयासों से दुर्गा पूजा प्रारंभ हुई थी। इस वर्ष यहाँ पूजा ने 60 वर्ष पूरे कर लिए। गुप्तेश्वर मंदिर समिति, बालागोड़ा बस्तीवासी व स्थानीय भक्तों के सहयोग से हर वर्ष इस पूजा का आयोजन होता है। आकर्षक पूजा पंडाल और माँ दुर्गा के साथ पार्श्व देव-देवियों की सुंदर प्रतिमाएँ भक्तों को मोहित कर रही हैं। दशमी के दिन यहाँ परंपरागत सिंदूर खेल का आयोजन होगा।
दूसरा प्रमुख आयोजन स्थल है बोलानी खदान टाउनशिप का दुर्गा पूजा पंडाल। यहाँ दुर्गा पूजा एवं काली पूजा समिति द्वारा आयोजित यह उत्सव इस वर्ष 63वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। भव्य सजावट, रंग-बिरंगी लाइटिंग, विशाल और कलात्मक प्रतिमाएँ यहाँ श्रद्धालुओं का आकर्षण बनी हुई हैं। मिट्टी से निर्मित माँ दुर्गा और पार्श्व देवताओं की प्रतिमाओं का दिव्य स्वरूप देखकर भक्त मंत्रमुग्ध हो रहे हैं।
पूजा पंडालों के साथ-साथ मीना मेला भी लोगों की भीड़ से गुलजार है। खिलौनों से लेकर घरेलू सामान और विभिन्न व्यंजनों के स्टॉल पर लोगों की खरीदारी व चहल-पहल देखते ही बनती है। समिति के अनुसार यह मेला रविवार तक जारी रहेगा।
आयोजन की विशेषता बढ़ाने हेतु सांस्कृतिक कार्यक्रम भी तय किए गए हैं। शुक्रवार व शनिवार को नृत्य प्रतियोगिता, वहीं रविवार को रावण दहन के साथ मेले का समापन होगा।
माँ दुर्गा के आगमन से खनन क्षेत्र बोलानी में चारों ओर श्रद्धा, भक्ति और उल्लास का वातावरण व्याप्त है। पूजा पंडालों की सजावट, मेले की रौनक और भक्तों की भीड़ इस पर्व को और भव्य बना रही है।