🔴 बेलानी में नशे का जाल
गांव-गांव में अवैध शराब और नकली शराब की धड़ल्ले से बिक्री
गांजा और ड्रग्स की गिरफ्त में फँस रहे युवा, अपराध की ओर बढ़ते कदम
पुलिस-आबकारी विभाग पर संरक्षण देने के आरोप
बेलानी, 18 अगस्त (स्वतंत्र प्रतिनिधि) -
सीमावर्ती तथा खनन क्षेत्र बेलानी और इसके आसपास के गांवों एवं बस्तियों में गैरकानूनी शराब और नशे का कारोबार दिन-ब-दिन खतरनाक रूप लेता जा रहा है। खुलेआम हो रहे इस अवैध धंधे से जहां सामाजिक माहौल बिगड़ रहा है, वहीं स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग की भूमिका को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, इस थाना क्षेत्र में केवल दो अधिकृत विदेशी शराब दुकानें हैं। इसके बावजूद लगभग हर गांव और बस्ती में बिना रोक-टोक देशी-विदेशी शराब आसानी से उपलब्ध हो रही है। यही नहीं, यही गैरकानूनी कारोबार की आड़ में नकली शराब की बिक्री भी धड़ल्ले से हो रही है। आशंका जताई जा रही है कि यही अधिकृत दुकानों से ही यह नकली शराब चोरी-छिपे बेची जा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई जगहों पर अवैध रूप से देशी शराब की भट्ठियाँ चल रही हैं, जहां जहरीली शराब तैयार कर गुपचुप ढंग से बेची जाती है। दूसरी ओर, गांजा और तरह-तरह के ड्रग्स अब युवाओं को तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रहे हैं। बेलानी टाउनशिप के अलग-अलग स्थानों पर युवा खुलेआम ड्रग्स का सेवन करते दिखाई दे रहे हैं। कई युवा इस नशे की लत पूरी करने के लिए आपराधिक गतिविधियों में भी संलिप्त हो रहे हैं। जिससे इस क्षेत्र में चोरी आदि घटनाएं बढ़ रही है ।
सबसे गंभीर बात यह है कि स्थानीय लोग लंबे समय से इन अवैध गतिविधियों की शिकायत पुलिस और आबकारी विभाग से कर रहे हैं, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण यह कारोबार और ज्यादा फल-फूल रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि कुछ भ्रष्ट पुलिसकर्मी और आबकारी अधिकारी अवैध शराब व ड्रग्स माफियाओं से सांठगांठ कर उन्हें संरक्षण दे रहे हैं। यही वजह है कि सरकार की ओर से चलाए जा रहे "नशा मुक्त अभियान" को इस क्षेत्र में सफलता नहीं मिल पा रही है।
समाजसेवी संगठनों का कहना है कि यदि इस तरह का अवैध नशा कारोबार नहीं रुका, तो आने वाले दिनों में बेलानी और आसपास का पूरा इलाका नशे की गिरफ्त में आ सकता है, जिससे अपराध दर में भी भारी वृद्धि होगी।
स्थानीय जनता की मांग है कि –
1. बड़े स्तर पर छापेमारी कर अवैध शराब और ड्रग्स के धंधे को जड़ से खत्म किया जाए।
2. भ्रष्ट पुलिस और आबकारी अधिकारियों की जांच कर दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाए।
3. युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचाने के लिए शिक्षा संस्थानों और पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाए।
राज्य सरकार भले ही नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रही हो, लेकिन बेलानी क्षेत्र की हकीकत इससे बिल्कुल उलट दिखाई देती है। आम जनता अब उम्मीद कर रही है कि उच्च अधिकारी और सरकार स्वयं हस्तक्षेप कर इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करें और क्षेत्र को नशे के दंश से बचाएं।