बोलानी, 10 अक्टूबर (स्वतंत्र प्रतिनिधि) – बोलानी थाना अंतर्गत बड़ाबिल नगर पालिका क्षेत्र के माटकामबेड़ा औद्योगिक क्षेत्र स्थित पंचवटी स्टील एलएलपी स्पंज फैक्ट्री से निकलने वाला काला धुआं आसपास के इलाकों में लोगों का जीना दूभर कर चुका है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि फैक्ट्री प्रबंधन प्रदूषण नियंत्रण विभाग के नियमों की खुलेआम अवहेलना कर रहा है, जिसके कारण फैक्ट्री की चिमनियों से निकलने वाला जहरीला धुआं पूरे क्षेत्र के पर्यावरण को बर्बाद कर रहा है।
फैक्ट्री के पास स्थित जनबस्तियों — डर्बी चौक, चम्पुआ बस्ती, बरपदा चौराहा, चटई हटिंग, बालागोड़ा और बोलानी बस्ती — में हवा इतनी दूषित हो चुकी है कि पेड़-पौधे काले पड़ गए हैं और घरों में मोटी कालिख की परत जम गई है। बड़ाबिल-बोलानी मुख्य मार्ग भी इस काले धुएं और सूक्ष्म कणों से ढका रहता है। लोग बताते हैं कि खाने की थाली में भी अब काले धूलकण गिरते हैं, और पीने के पानी में भी यह विषैली परत दिखाई देती है।
इस जहरीले वातावरण का असर अब लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है। स्थानीय निवासी सांस की बीमारियों, हृदय संबंधी समस्याओं और त्वचा रोगों से ग्रसित हो रहे हैं। फैक्ट्री परिसर में फैले औद्योगिक कचरे से भी भयावह स्थिति बनी हुई है, जिससे वहां काम करने वाले स्थायी और ठेका कर्मचारी सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
लोगों का आरोप है कि क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय की निष्क्रियता और फैक्ट्री प्रबंधन के प्रति कोमल रवैये के कारण ही यह स्थिति बनी हुई है। इस संबंध में कई बार समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने के साथ साथ स्थानीय लोगों ने सोशल मीडिया (ट्विटर) के माध्यम से राज्य एवं क्षेत्रीय प्रदूषण विभाग का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की, लेकिन विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
फैक्ट्री के प्रदूषण से त्रस्त लोगों ने अब विभाग की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। बोलानी विकास परिषद के सदस्य अजय कुमार महांती ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि “पर्यावरण विभाग को तुरंत जांच करनी चाहिए कि फैक्ट्री पर्यावरण सुरक्षा के नियमों का पालन कर रही है या नहीं, और यदि नहीं — तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”
अब सवाल यह है कि क्या प्रदूषण विभाग नींद से जागेगा, या फिर पंचवटी की चिमनियां यूँ ही ‘काला जहर’ उगलती रहेंगी?